कोरोना की मार: सादा-सादा है चुनाव प्रचार

लखनऊ। यूपी में पंचायत चुनाव अब रफ्तार पकडऩे लगा है। मगर इस चुनाव में बैण्ड-बाजा पर पाबंदी है। कोरोना प्रोटोकाल की गाइडलाइन और धारा 144 की वजह से उम्मीदवारों को अब चुनाव प्रचार में लम्बे काफिले लेकर चलने की मनाही हो गयी है। चुनावी सभा भी पांच लोगों से ज्यादा की नहीं हो सकती। ऐसे में अब सोशल मीडिया, मोबाईल फोन, चुनाव निशान वाले बैनर, पोस्टर, पर्चे के सहारे ही प्रत्याशियों को चुनाव लडऩा होगा। पहले चरण के 18 जिलों में बुधवार को नामांकन वापसी और चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद उम्मीदवारों ने अपने चुनाव निशान के साथ प्रचार और जनसम्पर्क तेज कर दिया। जबकि दूसरे चरण के 20 जिलों में बुधवार को नामांकन दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई। मगर तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश सरकार की ओर से लागू की गयी धारा 144 की वजह से उम्मीदवारों और उनके समर्थकों व कार्यकर्ताओं को खासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस और प्रशासन को भी इन प्रत्याशियों के प्रचार व जनसम्पर्क अभियान के काफिले को रोकने-टोकने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। अयोध्या के पुराकलंदर थाना क्षेत्र के मसौधा इलाके में मंगलवार की रात जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार के प्रचार काफिले में काफी ज्यादा संख्या में वाहन और लोगों की भीड़ को पुलिस ने हस्तक्षेप करके हटवाया। अयोध्या में ही रूदौली इलाके में ग्राम प्रधान पद के एक प्रत्याशी के कार्यकर्ता और समर्थक गाने-बजाने का कार्यक्रम कर रहे थे जिसे पुलिस ने जाकर रूकवा दिया। पुलिस प्रत्याशियों को सिर्फ चार-पांच लोगों के साथ ही प्रचार करने के लिए कह रही है। जिलाधिकारी के आदेश है कि चुनावी सभा में सिर्फ पांच लोग ही होंगे। इस आदेश का ही मजाक उड़ाया जा रहा है। राजधानी लखनऊ के जिला पंचायत मुख्यालय में बुधवार को जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन दाखिला शुरू हुआ मगर कोविड-19 प्रोटोकाल की गाईड लाइन और धारा 144 लागू होने की वजह से काफी सख्ती रही।